Ayodhya: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या की बिजली पर निर्भरता कम करने के लिए योगी सरकार अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित कर रही है। अयोध्या नगरी के तमाम पार्कों में सोलर ट्री लगाने का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। सोलर सिटी के रूप में अयोध्या को बिजली पर निर्भरता खत्म करने के लिए यूपीनेडा पूरी तरह से जुटा है। योगी सरकार के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (U.P.N.R.E.D.A) एक के बाद एक नये प्रयोग कर रहा है। इसी कड़ी में पार्कों में लगाए जा रहे सोलर ट्री भी अब अयोध्या में दूधिया रोशनी बिखेरने के लिए तैयार हैं।
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 January 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है। जिसे लेकर प्रशासन युद्ध स्तर की तैयारियों में जुटा हुआ है। इससे पहले अयोध्या में सौगातों की झड़ी लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का सपना साकार हो रहा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्राचीन नगरी को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी।
देशभर से लगभग 10 हजार लोग शामिल होंगे
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया था कि 22 January 2024 को होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और देशभर से लगभग 10 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से अयोध्या में जारी कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने शहर को सौर ऊर्जा से रोशन करने संबंधी कार्य का निरीक्षण करने के बाद कहा हैं कि अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी है, इसलिए यहां बिजली अन्य स्रोतों से नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा से आएगी।
प्यूरीफायर जैसी सुविधाएं मिलेंगी
सौर शहर परियोजना एक पंचवर्षीय (2023-28) योजना है, जिसमें सौर ऊर्जा पर आधारित स्ट्रीट लाइट, सरकारी भवनों पर सौर पैनल की स्थापना, चार्जिंग स्टेशनों के साथ ई-रिक्शा, सौर पेड़ और पीने के पानी के कियोस्क के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले प्यूरीफायर जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
सरयू किनारे 40 मेगावाट के सौर संयंत्र की स्थापना होगी
परियोजना का सबसे बड़ा पहलू सरयू के तट पर एनटीपीसी ग्रीन की ओर से 40 मेगावाट के सौर संयंत्र की स्थापना है। जनवरी तक 10 मेगावाट की परियोजना के चालू होने की उम्मीद है। यूपीनेडा के अधिकारियों ने पुष्टि की कि परियोजना के लिए भूमि को अंतिम रूप दे दिया गया है और काम पहले से ही शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में 117 सरकारी भवनों की छत पर कुल 2.5 मेगावाट क्षमता के Solar Panel स्थापित करना भी शामिल है। इसमें राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 250 किलोवाट का सौर पैनल, कृषि विश्वविद्यालय में 155 किलोवाट का पैनल, जिला अदालत में 100 किलोवाट क्षमता का पैनल, राम कथा संग्रहालय में 58 किलोवाट का पैनल और विभिन्न सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 50 किलोवाट का पैनल शामिल है।
134 सौर स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लग गई, 276 जल्द लगेंगी
अधिकारियों ने 125 आवासीय और वाणिज्यिक भवनों पर छह मेगावाट की क्षमता के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा है। यूपीनेडा ने पहले ही फिलिप्स द्वारा विशेष रूप से अयोध्या के लिए डिजाइन की गई 134 सौर स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगाई हैं। बाकी 276 को जल्द ही लगा दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, ये स्ट्रीट लाइट एक मॉड्यूलर डिजाइन के साथ आती हैं, जिसमें बैटरी को पोल के अंदर और शीर्ष पर सौर पैनल के साथ लगाया जाता है। सौर स्ट्रीट लाइट प्रसिद्ध राम पथ पर भी लगाई जाएंगी। यह 12.9 किलोमीटर की छह लेन वाली सड़क है, जो लखनऊ-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर सहादतगंज से मंदिर तक और नयाघाट क्षेत्र में लता मंगेशकर चौक तक जाती है। इसके अलावा, शहर में 800 सोलर स्ट्रीट लाइट भी लगाई गई हैं। विभिन्न स्थानों पर एक किलोवाट क्षमता के 40 और 2.5 किलोवाट क्षमता के 18 सौर वृक्ष लगाए जा रहे हैं। इन सौर वृक्षों में एलईडी रोशनी के साथ शाखा जैसी संरचनाओं में सौर पैनल होंगे।
अधिकारियों के अनुसार पैनल छाया भी प्रदान करेंगे और इन्हें छोटे पेयजल कियोस्क या बेंच पर स्थापित किया जा सकता है। यूपीनेडा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दो सौर ऊर्जा संचालित ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रहा है। किसानों को उनकी उपज के भंडारण की सुविधा देने के लिए मंडी में छह मीट्रिक टन का सोलर कोल्ड स्टोरेज भी स्थापित किया जा रहा है। जनवरी तक उपलब्ध हो जाने वाली अन्य सुविधाओं में प्रमुख सड़क चौराहों पर 150 सौर हाई-मास्ट लाइट, दिव्यांग भक्तों के लिए पांच समर्पित ई-रिक्शा और 10 सौर ऊर्जा संचालित जल कियोस्क (जिनमें से चार पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं) शामिल हैं। यूपीनेडा के अधिकारियों का दावा है कि शुरुआती चरण में जनवरी तक अयोध्या के लिए निर्धारित लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।